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घूंघट की ओट लेखनी प्रतियोगिता -11-May-2022

                गाँव मे आज चर्चा का बिषय थी रामेश्वर के बेटे की बहू शालिनी। क्यौकि आज के कम्प्यूटर युग में भी बहू ने लम्बा सा घूँघट कर रखा था। सभी लोग उसकी ही चर्चा करने में ब्यस्त थे।


 गाँव के लोगौ की कुछ आदत ही ऐसी होती है कि कोई काम करो तब भी उसकी चर्चा हौनी है जब कर दिया तो क्यौ किया यदि नही किया तो क्यौ नहीं किया।

        यही हाल रामनगर वालौ का था। कुछ दिन पहले एक सरकारी अफसर की शादी होकर आई तब  कमल कान्त की बहू भारती ने घूँघट नही किया था तब यह चर्चा थी देखो क्या जमाना आगया कि बहू पहली बार ससुराल ब्याह कर आई है और घूँघट का नाम नही।

शालिनी बहुत चालाक व तेज औरत थी उसने कितने ही घाटौ का पानी पी रखा था। वह घूँघट के अन्दर से ही घर के सभी सदस्यौ पर नजर रखती थी कि कौन क्या करता है और कहाँ जाता है।

    रामेश्वर सीधे इन्सान थे परन्तु उनकी पत्नी  दामिनी बहुत तेज थी। बैसी ही उससे भी तेज बहू आगयी सास डाल डाल पर तो बहू भी कम नही थी वह पात पात पर थी।

     दामिनी ने अपनी बहू शालिनी को कहा बेटा ये तूने जो गहने पहन रखे है ये मुझे उतारकर देदे क्यौकि आजकल जमाना बहुत खराब है  मै इनको सम्भाल कर रखदूँगी। जब कहीं जाना हो तब लेलेना।

     शालिनी ने बिना मन के गहने उतार कर अपनी सास को दे दिये लेकिन उन पर नजर रखी कि वह कहाँ रखे है। एक दिन शालिनी का भाई उससे मिलने आया।  उसी दिन उसकी सास को किसी इमरजैन्सी मे अपने मायके जाना पड़ गया।

    शालिनी ऐसे मौके की तलाश में थी। उसने सारे गहने जिसमे उसकी सास के गहने भी थे  निकालकर अपने भाई को दे दिये।

           कुछ दिन बाद  जब सास भी घर आगयी इस बात की किसी को खबर नहीं थी। अब शालिनी को अपने मायके जाना था। उसने अपनी सास से गहने मांगे।

      दामिनी बोली," अभी लाई तेरे गहने।" 

     जब दामिनी गहने लेने पहुँची तो अलमारी तो खाली थी अब दामिनी को तो यह देखकर चक्कर आगया। और गिर पडी़ ।उसी समय रामेश्वर  भी वहाँ आगये । जब उन्हौने दामिनी को अन्दर गिरा देखा तो बहू से पानी मंगवाकर उसे पिलाया।

    जब दामिनी ने आँखें खोली और उस अलमारी की तरफ इशारा करके बोली," कोई सब लेगया। हम लुट गये।"

जब रामेश्वर ने देखा तब अलमारी खाली देखकर वह भी चिन्तित होकर बोले," ऐसा कैसे होसकता है। अपने घर तो शादी के बाद कोई आया ही नही है केवल  शालिनी का भाई आया था। "

      इस पर शालिनी घूँघट की ओट में से  बोली," मम??

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18 Comments

Seema Priyadarshini sahay

12-May-2022 07:00 PM

अधूरी लग रही है..

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नंदिता राय

12-May-2022 06:32 PM

Nice 👍🏼

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Neelam josi

12-May-2022 06:05 PM

👌👌👏

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